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किसान नेता Jagjit Singh Dallewal की हालत गंभीर, अनशन के 27वें दिन बढ़ा साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा

किसान नेता Jagjit Singh Dallewal का अनशन रविवार को 27वें दिन भी जारी रहा। डॉक्टरों की टीम के सदस्य डॉ. गुरप्रवेश सिंह ने बताया कि दल्लेवाल के हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगे हैं। उनकी स्थिति बेहद गंभीर है, और दिल का दौरा (silent heart attack) पड़ने का खतरा भी बढ़ गया है। हालांकि, दल्लेवाल ने इलाज से इंकार कर दिया है।

दल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर

किसान नेता Jagjit Singh Dallewal की तबियत में लगातार गिरावट आ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि उनका रक्तचाप (BP) तेजी से गिर रहा है और लीवर भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। शरीर में दर्द और कमजोरी के कारण उनका स्वास्थ्य और भी खराब हो रहा है। इस स्थिति में, दिल के दौरे का खतरा बढ़ गया है।

डॉक्टरों ने यह भी बताया कि दल्लेवाल को तुरंत ICU में भर्ती किए जाने की जरूरत है, लेकिन दल्लेवाल ने इलाज कराने से इंकार कर दिया। इसके अलावा, उनके किडनी की हालत भी चिंताजनक है, उनका क्रिएटिनिन लेवल 6.90 पाया गया है, जो सामान्य 2.0 से बहुत अधिक है।

कांग्रेस नेता विजय इंदर सिंगला का दल्लेवाल से मिलने का प्रयास

रविवार को पंजाब कांग्रेस के नेता विजय इंदर सिंगला ने दल्लेवाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दल्लेवाल की हालत की जानकारी ली और उनका समर्थन व्यक्त किया। लेकिन दल्लेवाल का स्वास्थ्य बहुत ही नाजुक अवस्था में है, जिससे उनके समर्थकों में चिंता और बढ़ गई है।

पंजाब सरकार पर आरोप: सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया

किसान नेता अभिमन्यू कोहाड़ ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार ने दल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है। उनका कहना था कि पंजाब सरकार ने यह दावा किया कि दल्लेवाल की हालत ठीक है, जो कि पूरी तरह से गलत है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि जालंधर से कांग्रेस सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने संसद की कृषि स्थायी समिति की ओर से रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें यह स्पष्ट किया गया कि कृषि मंत्रालय को दिए गए बजट का बड़ा हिस्सा वित्त मंत्रालय को वापस कर दिया जाता है।

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एमएसपी गारंटी कानून का समर्थन

कृषि स्थायी समिति ने यह सिफारिश भी की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाला एक कानून बनाया जाए। यह किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके।

किसान नेता Jagjit Singh Dallewal की हालत गंभीर, अनशन के 27वें दिन बढ़ा साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा

दल्लेवाल के समर्थन में देशभर में मोमबत्ती मार्च

किसान नेता अमरजीत सिंह राणा ने दल्लेवाल की गंभीर स्थिति को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार दल्लेवाल की हालत को नजरअंदाज कर रही है और इस मामले में कठोर रुख अपनाए हुए है। इसके बावजूद, दल्लेवाल के समर्थन में देशभर में आंदोलन तेज हो गया है। 24 दिसंबर को देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में मोमबत्ती मार्च निकाला जाएगा, जिसमें पंजाब को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में छात्र हिस्सा लेंगे।

26 दिसंबर को डीसी और एसडीएम कार्यालयों के बाहर अनशन

किसान नेता अमरजीत सिंह राणा ने यह भी घोषणा की है कि दल्लेवाल के समर्थन में 26 दिसंबर को देशभर में डीसी और एसडीएम कार्यालयों के बाहर अनशन किया जाएगा। यह अनशन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगा। इस अनशन का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना है ताकि दल्लेवाल की स्थिति पर ध्यान दिया जाए और उनके हक में कदम उठाए जाएं।

27वें दिन भी जारी है दल्लेवाल का अनशन

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का अनशन खनौरी, संगरूर जिले में 27वें दिन भी जारी रहा। शनिवार को डॉ. अवतार सिंह ने कहा था कि दल्लेवाल शारीरिक रूप से बहुत कमजोर हो गए हैं और उनकी स्थिति नाजुक है। इसके अलावा, सरवण सिंह पंधेर ने भी दल्लेवाल की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की थी। पंधेर ने कहा कि यदि दल्लेवाल का इलाज तुरंत नहीं किया गया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है।

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दल्लेवाल का संघर्ष: किसानों के हक के लिए अनशन

दल्लेवाल का अनशन कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए जारी है। वह MSP की गारंटी, फसल बीमा योजना की सुधार और कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। दल्लेवाल का अनशन किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय मंच पर लाने का एक तरीका बन चुका है।

नतीजे की ओर बढ़ता आंदोलन

इस आंदोलन में दल्लेवाल का संघर्ष सिर्फ अपनी खुद की जिंदगी के लिए नहीं, बल्कि लाखों किसानों के हक की रक्षा के लिए है। दल्लेवाल की स्थिति अब एक प्रतीक बन चुकी है, जो किसानों की आवाज और उनके अधिकारों की संघर्ष की कहानी बयान कर रही है। इस आंदोलन के जरिए, किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे अपने हक के लिए हर हाल में संघर्ष करेंगे।

किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल का अनशन अब एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। उनकी हालत हर गुजरते दिन के साथ गंभीर होती जा रही है, लेकिन वह इलाज से इंकार कर रहे हैं। उनका संघर्ष केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि यह पूरे किसान समुदाय के अधिकारों की लड़ाई है। इस मामले में राजनीतिक और समाजिक दबाव बढ़ने के साथ-साथ दल्लेवाल की हालत भी चिंता का विषय बनी हुई है। अब देखना यह है कि सरकार इस मुद्दे पर किस प्रकार का कदम उठाती है और दल्लेवाल की मांगों का समाधान क्या होता है।

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